Munsyari is situated in the northern part of the Pithoragarh district.This small town is located at the foot of the main Himalayan peaks that are covered with snow throughout the year.This town has breathtaking views of the Himalayas and the nearby mountains in this area are perfect for trekking.Munsiyari has very large and varied vegetation, with many herbs exclusively available here.Munsyari Bus StationIt is easily accessible from Pithoragarh City.Munsyari 125 kms from Pithoragarh. A 80 miles journey from Pithoragarh(40 miles river side and 40 miles of sight scenes and falls)is full of adventure. Gaining heights with changing flora and fauna, from chir to deodar, deodar to surai and spur to paper tree and rhododendrons.At Nachani(a midway village) greets you with delicious food, resting sites, cold and hot drinks providing tents for stay and enjoying water spoils, angling, river rafting or simply have a cool- cool dip in the Namic glacier originated Ramganga from Nachani, the way onwards shows a number of water falls. Sulphur springs and the majestic Virthi fall.Which falls from the height of 125 mtr.s.. Now the Road aligns the higher mountains, the air becomes cooler reaching the top. The top road passes l.he dense Surai forest with Rhododendrons. At Kalamuni, Naga god of Kalamuni greets you with breath-taking great Panchachului view from hand shaking proximity stunning you in silence.MEDITATION IN NATURAL BEAUTY OF MUNSYARIIt is a day travel through Roseate dawns and crimson dusks can leave you simply siareing in the snow laden summits for hours.A days trek to the nearby village like Darkot 4 kms and Daranti 7 kms can lead to an intimate knowladge of the culturally rich style of the rural inhabitants of Munsyari. A jeep safari through Madkote, Chori-Bagar, Baneanani JouUibi and back entailgh absolutely picturesque location and water falls along the bank of Gori Ganga and you may end up exhausting the entire camera roll. This provides one of the best stretch for river rafting with different grades of rapids in Gori Ganga.RHODODENDRON & PANCHACHULI IN MUNSYARIHave you ever seen the gardens of flowering trees? Yes it is a splendid time in Munsyari between march to april,when the whole jungle turns red with rhododendron flowers with gardens- gardens of rhododendron trees having pink, red, dark pink and white flowers combining the Panchachuli peak. 

                                                                           मुनस्यारी
मुनस्‍यारी एक खूबसूरत हिल स्‍टेशन है। यह उत्‍तराखण्‍ड में जिला पिथौरागढ़ का सीमांत क्षेत्र है जो एक तरफ तिब्‍बत सीमा और दूसरी ओर नेपाल सीमा से लगा हुआ है। मुनस्‍यारी चारो ओर से पर्वतो से घिरा हुआ है। मुनस्‍यारी के सामने विशाल हिमालय पर्वत श्रंखला का विश्‍व प्रसिद्ध पंचचूली पर्वत (हिमालय की पांच चोटियां) जिसे किवदंतियो के अनुसार पांडवों के स्‍वर्गारोहण का प्रतीक माना जाता है, बाई तरफ नन्‍दा देवी और त्रिशूल पर्वत, दाई तरफ डानाधार जो एक खूबसूरत पिकनिक स्‍पॉट भी है और पीछे की ओर खलिया टॉप है।
काठगोदाम, हल्‍द्वानी रेलवे स्‍टेशन से मुनस्‍यारी की दूरी लगभग 295 किलोमीटर है और नैनीताल से 265 किलोमीटर है। काठगोदाम से मुनस्‍यारी की यात्रा बस अथवा टैक्‍सी के माध्‍यम से की जा सकती है और रास्‍ते में कई खूबसूरत स्‍थल आते है। काठगोदाम से चलने पर भीमताल, जो कि नैनीताल से मात्र 10 किलोमीटर है, पड़ता है उसके बाद वर्ष भर ताजे फलों के लिए प्रसिद्ध भवाली है, अल्‍मोड़ा शहर और चितई मंदिर भी रास्‍ते में ही है। अल्‍मोड़ा से आगे प्रस्‍थान करने पर धौलछीना, सेराघाट, गणाई, बेरीनाग और चौकोड़ी है। बेरीनाग और चौकोड़ी अपनी खूबसूरती के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां से आगे चलने पर थल, नाचनी, टिमटिया, क्‍वीटी, डोर, गिरगॉव, रातापानी और कालामुनि आते है। कालामुनि पर करने के बाद आता है मुनस्‍यारी, जिसकी खूबसूरती अपने आप में निराली है।
वैसे तो मुनस्‍यारी का मौसम पूरे साल भर खुशनुमा रहता है किन्‍तु अप्रैल से मई और सितम्‍बर से नवम्‍बर तक भ्रमण योग्‍य है। मुनस्‍यारी में वर्ष के चारों ऋतुओं का आनन्‍द लिया जा सकता है। बसंत ऋतु में यहां की छटा देखने लायक होती है। जून और जुलाई में यहां काफी बारिश होती है जिससे कभी-कभी रास्‍ते ब्‍लॉक हो जाते है। नवम्‍बर से फरवरी तक बर्फ-बारी का मजा ले सकते है।
मुनस्‍यारी में ठहरने के लिए काफी होटल, लॉज और गेस्‍ट हाउस है। गर्मी के सीजन में यहां के होटल खचाखच भरे रहते है इसलिए इस मौसम में वहां जाने से पहले ठहरने के लिए कमरे की बुकिंग जरूर करा लेना चाहिए क्‍योंकि इस समय में यहां पर देसी और विदेशी पर्यटकों की भीड़ बहुत अधिक बढ़ जाती है। विदेशी पर्यटक यहां खासकर ट्रैकिंग और माउंटेनियरिंग के लिए आते है।
मुनस्‍यारी के निवासी काफी सरल है और उनका रहन-सहन भी काफी सीधा है। लोग पहाड़ी (स्‍थानीय बोली) बोलते है और हिन्‍दी भाषा का प्रयोग भी करते है। यहां के अधिकतर लोग कृषि कार्य में लगे हुए है।